बहुत से लोगों का यह प्रश्न रहता है कि किसने कहा मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ? तो आज मैं आपको इस लेख के माध्यम से बताऊंगा कि किसने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और किस तरह से यह बात सत्य है इसकी भी व्याख्या मैं इस लेख में करूँगा।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है
एक प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तू ( Aristotle ) ने अपनी पुस्तक पॉलिटिक्स ( Politics ) में कहा है कि " मनुष्य स्वभाव से एक सामाजिक प्राणी है"
अरस्तू के दार्शनिक दृष्टिकोण के अनुसार- मनुष्य का उद्देश्य और सार्थकता, सामाजिक और सामाजिक संबंधों में होती है, और वे समाज में जीवन बिताकर अपना उद्देश्य पूरा करते हैं। अरस्तू मानते हैं कि मनुष्य की समृद्धि और खुशी समाज में ही होती है।
समाज और मानव का संबंध
मानव के द्वारा ही समाज का निर्माण हुआ जिस कारण मानव के जीवन में समाज अहम भूमिका निभाता है। मानव का विकास समाज में रहकर ही होता है जिसकारण मानव को सामाजिक प्राणी कहा जाता है।
समाज में रहकर मानव की समस्त जरूरते पूरी होती हैं। मानव के चरित्र निर्माण में तथा उसके सुख दुख में समाज ही मुख्य भूमिका निभाता है। समाज के द्वारा ही मनुष्य अनुशासित बनता है। और गलत कामों से दूर रहता है। समाज का काम ही मानव का विकास करना है।
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