अर्थशास्त्र क्या है(what is economics in hindi): अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत हम वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, विनिमय वितरण और उपभोग का अध्ययन करते हैं। अर्थशास्त्र शब्द संस्कृत शब्दों के संधि अर्थ और शास्त्र से मिलकर बना है। जिसका हिंदी अर्थ होता है "धन का अध्ययन"।
अर्थशास्त्र का प्रयोग अर्थव्यवस्था के कार्यों को समझने में किया जाता है। अर्थव्यवस्था का प्रयोग समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक संबंध कैसा है पता करने में भी किया जाता है।
अर्थशास्त्र की परिभाषा ( Definition of Economics in hindi )
अलग-अलग विद्वानों और अर्थशास्त्रियों द्वारा अर्थशास्त्र की परिभाषा अलग-अलग प्रकार से दी गई है। अर्थशास्त्र की विषय सामग्री को हम इसकी परिभाषा से अच्छे से समझ सकते हैं। "अर्थशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है धन का शास्त्र मतलब धन के अध्ययन को हम अर्थशास्त्र कहते हैं"। कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों की परिभाषा आपको नीचे मिल जाएगी।
ब्रिटिश अर्थशास्त्री अल्फ्रेड मार्शल के अनुसार- "अर्थशास्त्र मनुष्य जाति के रोजमर्रा के जीवन का अध्ययन है"
इनका मानना था कि समाज में जो कुछ भी घटित होता है उसके पीछे कहीं ना कहीं आर्थिक कारण होते हैं। इसलिए अगर आप समाज में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले समाज के आर्थिक आधार को समझाना होगा।
लियोनेल रॉबिंसन के अनुसार- "वह विज्ञान जो मानव स्वभाव का वैकल्पिक उपयोगी वाली सीमित साधनों और उनके प्रयोग के मध्य अंतर संबंधों का अध्ययन करता है।"
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने "अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान माना है"। 1776 में प्रकाशित उनकी पुस्तक है- An Enquiry into the Nature and the Causes of the Wealth of Nation.
ब्रिटेन के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लॉर्ड रॉबिंस का मानना है कि "मानवीय आवश्यकता है असीमित है तथा उनका पूरा करने के साधन सीमित है।" 1932 में प्रकाशित उनकी पुस्तक "An Essay on the Nature and Significance of Economic Science" में इन्होंने अर्थशास्त्र को दुर्लभता का सिद्धांत माना है।
आधुनिक अर्थशास्त्री सैमुयूल्सन के अनुसार- " अर्थशास्त्र विकास का शास्त्र है।"
आधुनिक भारतीय अर्थशास्त्री कपिल आर्य के अनुसार- "अर्थशास्त्र सुख के साधनों का विज्ञान है।" उनकी पुस्तक का नाम अर्थमेधा है।
अर्थशास्त्र का महत्व
अर्थशास्त्र प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। अर्थशास्त्र का सैद्धांतिक और व्यावहारिक महत्व निम्नलिखित है-
अर्थशास्त्र का सैद्धांतिक महत्व
अर्थशास्त्र का महत्व ज्ञान में वृद्धि करना है।
अर्थशास्त्र का महत्व सिद्धान्तों में वृद्धि करना है।
इससे तर्कशक्ति में वृद्धि होती है।
इससे विश्लेषण शक्ति में वृद्धि होती है।
अर्थशास्त्र का व्यवहारिक महत्व
अर्थशास्त्र के ज्ञान से उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
इससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है।
इससे श्रमिकों को लाभ मिलता है।
सरकार को लाभ मिलता है।
व्यापारियों को लाभ मिलता है।
राजनीतिज्ञों को लाभ मिलता है।
विद्यार्थियों को लाभ होगा।
देश के उत्थान में लाभ होगा।
वैज्ञानिकों को लाभ होगा।
अर्थशास्त्र का इतिहास
अर्थशास्त्र प्राचीनतम विद्या है। प्राचीनतम वेदों में अर्थवेद भी शामिल है लेकिन यह अब उपलब्ध नहीं है। कौटिल्य का अर्थशास्त्र भी एक ग्रंथ है जो अर्थशास्त्र के विषय को क्रमबद्ध रूप में प्रकट करता है। इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। आचार्य कौटिल्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे।
*Source: Wikipedia
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