ज्वार भाटा ( Tides ) किसे कहते हैं ?

 दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि ज्वार भाटा किसे कहते हैं , ज्वार भाटा कैसे आता है और ज्वार भाटा कितने प्रकार का होता है ?  What are Tides in hindi में। 


ज्वार भाटा क्या है ( What are Tides in hindi )

सरल शब्दों में कहे तो समुद्री जल का ऊपर उठकर आगे बढ़ने को ज्वार और इसका नीचे गिरकर वापस लौटने को भाटा कहते है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर 70% भाग पर जल पाया जाता है। जिसमे सागरों और महासागरों के जल का विशेष महत्व है। यही जल नियमित रूप से ऊपर उठता और नीचे गिरता रहता है जिसके परिणाम स्वरूप ज्वार भाटा आता है। 

ज्वार भाटा आने का कारण (Why Tides Occurs in hindi)

ज्वार भाटा आने का प्रमुख कारण सूर्य और चंद्रमा के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल है। सूर्य और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही ज्वार भाटा उत्पन्न होता है। 


जब चंद्रमा पृथ्वी के समीप आता है तो आकर्षण बल के कारण खिंचाव उत्पन्न करता है। इस बल का प्रभाव बिना जल वाली भूमि अर्थात जितने भाग पर जल नही है पर नही पड़ता है। परंतु पृथ्वी के जितने 70% भाग पर जल है उसपर इसका प्रभाव पूरी तरह से पड़ता है। जिससे समुद्र का पानी ऊपर की ओर चढ़ने लगता है। 


समुद्र के पानी के ऊपर की तरफ चढ़ने को ज्वार कहते हैं और समुद्र के पानी के नीचे की ओर उतरने को भाटा कहते हैं। चंद्रमा सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी के अधिक नजदीक स्थित है जिस कारण चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल अधिक होता है अपेक्षाकृत सूर्य के। ज्वार भाटा आने का यही मुख्य कारण है। 


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है। जिससे चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल घटता और बढ़ता रहता है। ऐसे में जब चंद्रमा पृथ्वी के समीप होता है तब उस समय ज्वार आता है और जब पृथ्वी से दूर होता है तो 

उस समय भाटा उत्पन्न होता है। 

ज्वार भाटा के प्रकार ( Types of Tides in hindi )

ज्वार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

1. उच्च ज्वार ( Spring tides in hindi )

जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध में होते हैं तो सूर्य और चंद्रमा की आकर्षण शक्ति पृथ्वी को प्रभावित करती है, जिसके परिणाम स्वरुप अत्यधिक ऊंचे ज्वार उत्पन्न होते हैं। इन्हीं को उच्च ज्वार या दीर्घ ज्वार के नाम से जाना जाता है। 

2. निम्न ज्वार ( Neap Tides in hindi ) 

जब पृथ्वी के केंद्र पर सूर्य और चंद्रमा समकोण बनाते हैं तू सूर्य और चंद्रमा की आकर्षण शक्ति एक दूसरे को निष्क्रिय करने में कम हो जाती है। जिस कारण पृथ्वी पर उनका आकर्षण बल भी कम हो जाता है और परिणामता कम ऊंचाई वाले जार उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार के ज्वार को हम निम्न ज्वार या लघु ज्वार कहते हैं।

3. दैनिक ज्वार ( Dainik tides in hindi )

जिन स्थानों पर दिन में केवल एक बार ज्वार भाटा आता है तो हम उसे दैनिक ज्वार भाटा कहते हैं। इसके उदाहरण फिलीपाइन द्वीप और मेक्सिको की खाड़ी है।

4. अर्ध दैनिक ज्वार

किसी एक स्थान पर दिन भर में दो बार आने वाले ज्वार को अर्ध दैनिक ज्वार कहते हैं। क्या 12 घंटे 26 मिनट बाद औसतन आता है। इस प्रकार के ज्वार भाटा में ज्वार की ऊंचाई, भाटा की गहराई लगभग बराबर होती है। इस प्रकार के ज्वार भाटा प्रमुख रूप से अटलांटिक महासागर में आते हैं। 


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