पेट्रोलियम को काला सोना कहा जाता है। पेट्रोलियम को काला सोना कहे जाने का प्रमुख कारण यह है कि यह पृथ्वी की पपड़ी से निकला काले रंग का कच्चा तेल होता है। यह कीमत में मूल्यवान होता है क्योंकि इसकी मात्रा निश्चित है और यह प्रत्येक स्थान पर नहीं पाया जाता। पेट्रोलियम को बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। पेट्रोलियम भी कोयला और प्राकृतिक गैस की ही तरह एक गैर नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत है।
पेट्रोलियम - काला सोना
पेट्रोलियम पृथ्वी की सतह के नीचे भारी मात्रा में मौजूद है।
जहां तक गहनतम खुदाई करके कच्चे तेल को निकाला गया है उसके नीचे भी पेट्रोलियम के स्रोत मौजूद हैं।
पेट्रोलियम को जमीन से निकलते वक्त काले रंग का दिखाई पड़ता है। लेकिन जब इसका शुद्धिकरण होता है उसके बाद यह पीले रंग का हो जाता है। यही इसे सोना कहे जाने का कारण है।
पेट्रोलियम को सोना कहे जाने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि यह बहुत महंगा होता है और इसकी मात्रा सीमित होती है। जिस वजह से इसकी तुलना सोने से की गई है।
पेट्रोलियम के महंगे होने का कारण है कि यह आसानी से नहीं मिलता है और जितना भी है वह एक सीमित मात्रा में है।
तो आज का प्रश्न था -
काला सोना किसे कहा जाता है?
इस प्रश्न का सही जवाब हो जाएगा पेट्रोलियम को।
पेट्रोलियम को काला सोना कहा जाता है क्योंकि व्यावसायिक बाजारों में इसका मूल्य बहुत अधिक होता है। जिस वजह से इसकी तुलना सोने से की गई है।
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