अभिलेख किसे कहते हैं प्रकार और महत्व

 दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि अभिलेख किसे कहते हैं तथा इसके क्या महत्व हैं । तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि अभिलेख किसे कहते हैं- 

abhilekh kise kahte hain

अभिलेख किसे कहते हैं ( Abhilekh kise kahte hain )

किसी विशेष महत्व या प्रयोजन के लेख जिन्हें प्रस्तर, धातु या अन्य किसी कठोर और स्थायी पदार्थ पर विज्ञप्ति, प्रचार, आदि के लिए लिखे जाते हैं अभिलेख कहलाते हैं। मिट्टी के बर्तनों या दीवारों पर लिखे गए लेख भी अभिलेख के अंतर्गत आते हैं। 


अन्य प्रकार से समझे तो- अभिलेख ऐसे पुरातात्विक स्रोत या साक्ष्य होते हैं जो प्राचीन काल में विभिन्न राजाओं और शासको द्वारा पत्थरों, शिलाओं, स्तंभों आदि पर उत्कीर्ण किए जाते थे। 


आमतौर पर अभिलेखों का उपयोग आदेशों के प्रसार में किया जाता था। जिससे वह लोगों तक पहुंच सके और लोग उसे आदेश का पालन कर सकें। यह अभिलेख अलग-अलग भाषाओं में लिखे जाते थे जिनमें से पाली, संस्कृत औए प्राकृत भाषाएं प्रमुख थी। 

अभिलेख के प्रकार ( Abhilekh ke prakar )

प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के समयांतराल के अभिलेखों का वर्गीकरण करें तो यह निम्न प्रमुख प्रकार के हो सकते हैं- 


1. व्यापारिक एवं व्यवहारिक अभिलेख

2. अभिचारिक अर्थात जादू टोने से संबंधित अभिलेख

3. धार्मिक और कर्मकांडीय अभिलेख

4. उपदेशात्मक या नैतिक अभिलेख

5. समर्पण तथा चढ़ावा संबंधित अभिलेख

6. दान संबंधित अभिलेख

7. प्रशासकीय अभिलेख

8. प्रशस्तिपरक अभिलेख

9. स्मारक अभिलेख

10. साहित्यिक अभिलेख


अब मैं आप सबको अभिलेखों के इन प्रकारों के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूं- 

1. व्यापारिक एवं व्यवहारिक अभिलेख

भारत मिश्र यूनान आदि प्राचीन देश में व्यापारियों के मुद्राओं पर अभिलेख पाए गए हैं। प्राचीन भारत की मुद्राएं अभिलेखित होती थी जो व्यापारिक और व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल की जाती थी। 

2. अभिचारिक अर्थात जादू टोने से संबंधित अभिलेख

सिंधु घाटी अर्थात हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में प्राप्त बहुत सी तख्तियों अभिचारिक यंत्र है। इसमें देवताओं की स्तुतियां उल्लेखित है। यह अभिलेख प्रायः कवचों पर मिलते हैं। सुमेर, मित्र, यूनान आदि मेंअभिचारिक अभिलेख पाए गए हैं। 

3. धार्मिक और कर्मकांडीय अभिलेख

कई धार्मिक और कर्मकांडीय अभिलेख भी प्राचीन काल मे मिले हैं। मंदिरों पर कई धार्मिक अभिलेख उत्कीर्ण मिले हैं। 

4. उपदेशात्मक या नैतिक अभिलेख

धार्मिक अभिलेख की तरह ही उपदेशात्मक अभिलेख भी पाए गए हैं। अशोक के धार्मिक अभिलेखों में हमें उपदेशआत्मक अंशो की मात्रा अधिकतर दिखाई देती है। विदिशा के अभिलेख गरुड़ ध्वजा अभिलेख में भी उपदेश है। चीन तथा यूनान में भी उपदेशात्मक अभिलेख मिले हैं। 

5. समर्पण तथा चढ़ावा संबंधित अभिलेख

विभिन्न प्रकार के धार्मिक स्थान पर दिए गए दानों या चढ़ावे को भी अभिलेखित किया गया है। जिन्हें समर्पण या चढ़ावा संबंधी अभिलेख के अंतर्गत रखा गया है। 

6. दान संबंधित अभिलेख

प्राचीन समय में धार्मिक और नैतिक जीवन में दान का विशेष महत्व था। प्रत्येक देश और धर्म में दान को संस्था का रूप दिया गया था। इन दानों को अंकित करने के लिए पहले पत्थर और फिर बाद में ताम्र पत्तों का इस्तेमाल किया जाने लगा। 

7. प्रशासकीय अभिलेख

कानून, नियम राजा की आज्ञा, राजाओं और राजपूतों के पत्र, राजकीय लेखा जोखा, कोष का विवरण, कर और उपहार का विवरण, राजकीय सम्मान और शिष्टाचार, विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं का विवरण आदि प्रशासकीय अभिलेख के अंतर्गत आते हैं। 

8. प्रशस्तिपरक अभिलेख

राजाओं के विजयों और उपलब्धियां का वर्णन प्रसस्तिपरक अभिलेख के अंतर्गत आता है। 

9. स्मारक अभिलेख

कीर्ति, घटनाओं तथा व्यक्तियों का स्मारक रूप में अभिलेख बहुत अधिक मात्रा में पाए गए हैं जो स्मारक अभियान के अंतर्गत आते हैं। 

10. साहित्यिक अभिलेख

अभिलेखों में कई साहित्यिक अभिलेख भी पाए गए हैं। जिनमे काव्य, नाटक, ग्रंथ आदि शामिल है। 

अभिलेख के महत्व ( Abhilekh ke mahattv )

  • राज्य शासन व्यवस्था पद एवं कर की जानकारी हमें अभिलेख से मिलती है। 

  • अभिलेखों के द्वारा हमें किसी क्षेत्र विशेष की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक स्थितियों के बारे में जानकारी मिलती है। 

  • अभिलेखों के द्वारा हमें इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। 

प्रमुख भारतीय अभिलेख

प्राचीन भारत के प्रमुख उपलब्ध अभिलेख इस प्रकार हैं- 

  1. सम्राट अशोक के अभिलेख

  2. हाथीगुम्फा अभिलेख

  3. गिरनार अभिलेख

  4. प्रयाग स्तंभ लेख

  5. नासिक अभिलेख

  6. ऐहोल अभिलेख

  7. गरुड़ स्तम्भ लेख

  8. बोगजकोई अभिलेख

  9. नाना घाट शिलालेख आदि । 

निष्कर्ष

मैं आशा करता हूं आपको हमारा यह लेख, अभिलेख किसे कहते हैं अवश्य पसंद आया होगा। अगर आपका कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। अगर आपको इतिहास या अन्य किसी विषय से संबंधित कोई भी समस्या हो तो, आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। 


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