MLA का फुल फॉर्म
MLA का फुल फॉर्म मेंबर ऑफ़ लेजिस्लेटिव असेंबली होता है। MLA का दूसरा नाम ही विधायक होता है।
MLA का फुल फॉर्म - Member of Legislative Assembly
MLA एक जिले के मतदाताओं द्वारा राज्य भारत सरकार की विधायिका के लिए नियुक्त सदस्त है और मतदाता ही विधायक को नामांकित करते हैं।
MLA या विधायक वह प्रतिनिधि होता है जिस किसी निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा उप राष्ट्रीय अधिकार वाले क्षेत्र की विधानसभा के लिए चुना जाता है।
MLA का प्रमुख रोल
MLA के निम्नलिखित रोल होते हैं जिनके तहत उन्हें कार्य करना होता है -
वर्तमान कानूनों की भावना को समझना तथा नए कानूनों की योजना बनाना। नए कानून के अध्ययन और चर्चा के बाद उसका समर्थन या विरोध करना।
अपने निर्वाचित क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी का निर्वहन करना।
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत होने वाली योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना भी विधायक का कार्य होता है।
विधानमंडल
विधायक विधान परिषद या विधानसभा के सदस्य होते हैं। जिन राज्यों में दो सदन होते हैं उनमें विधान परिषद को उच्च सदन तथा विधानसभा को राज्य विधान मंडल का निचला सदन कहा जाता है।
विधानसभा में अधिकतम 500 सदस्य तथा निम्नतम 60 सदस्य होना जरूरी है। विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में है। यहां पर 404 सदस्य हैं ऐसा इसलिए क्योंकि इस राज्य में जनसंख्या अधिक है।
जिन राज्यों में जनसंख्या कम होती है वहां पर विधानसभा में विधायकों की संख्या भी कम होती है। विधायिका में सदस्यों की संख्या राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करती है। विधानसभा के सभी सदस्यों का चुनाव व्यस्त मताधिकार के आधार पर होता है। राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से एक सदस्य का चुनाव होता है।
राज्य के राज्यपालों का यह अधिकार है कि एंग्लो इंडियन समुदाय के एक सदस्य को विधानसभा में नामांकित कर सकता है, यदि उन्हें ऐसा लगता है कि उनका राज्य में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। 2020 जनवरी से इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। संविधान के 104वें संशोधन द्वारा किया गया।
विधायक (MLA) बनने की योग्यता
भारत के किसी भी राज्य में विधायक बनने के लिए निम्न मानदंडों को पूरा करना होगा-
1. सबसे पहले वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
2. विधानसभा का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति की न्यूनतम आयु 25 वर्ष तथा विधानपरिषद का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष से कम नही होनी चाहिए।
3. राज्य के किसी भी क्षेत्र में विधायक बनने के लिए उसे व्यक्ति को उस क्षेत्र का मतदाता होना अनिवार्य है।
4. उम्मीदवार भारत सरकार के किसी भी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
5. उम्मीदवार मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
6. उम्मीदवार कोई भी दोषी व्यक्ति नहीं हो सकता।
विधायक (MLA) का कार्यकाल
विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष या उससे काम का हो सकता है। मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल को यह अधिकार होता है कि वह विधानसभा को भंग कर सकता है। बहुमत की स्थिति में मुख्यमंत्री विधानसभा को भंग करने की सिफारिश प्रस्तुत कर सकता है। आपातकाल के समय कार्यकाल को 5 वर्ष से बढ़ाया भी जा सकता है। यह कार्यकाल एक बार में 6 महीने से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
निष्कर्ष
MLA का फुल फॉर्म मेंबर ऑफ़ लेजिस्लेटिव असेंबली अर्थात विधानसभा का सदस्य होता है।
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