दोस्तों, आज मैं आपको इस लेख के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में बताने वाला हूँ। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्या है -
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्या है ( National Human Rights Commission in hindi )
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक गैर संवैधानिक अर्थात संविधिक निकाय है। राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अंतर्गत इसका गठन किया गया। NHRC मानवाधिकारों के प्रहरी के रूप में कार्य करता है। मानव अधिकार आयोग एक बहुसदस्यीय संस्था है। जिसमे एक अध्यक्ष होता है तथा 7 अन्य सदस्य होते हैं। राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की नेतृत्व में गठित 6 सदस्यीय समिति की सिफारिश पर इनकी नियुक्ति होती है। इस समिति में प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष राज्यसभा के उपसभापति संसद के दोनों विपक्ष नेता तथा केंद्रीय गृह मंत्री शामिल होते हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य
1. इसका कार्य मानवाधिकारो की उल्लंघन की जांच करना है।
2. कोई ऐसा मामला जो मानव अधिकार से संबंधित हो और कोर्ट में चल रहा हो उसमें हस्तक्षेप करना भी इस आयोग का कार्य है।
3. जेल में बंद कैदियों की स्थितियों की जांच करना भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्य है।
4. मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए विधिक उपबंधों की समीक्षा और जांच करना।
5. मानव अधिकारों को प्रोत्साहित करना भी इस आयोग का कार्य है।
6. राज्य सरकार से पूर्व अनुमति के द्वारा किसी भी कारावास का भ्रमण करना।
NHRC के सदस्यों का कार्यकाल
कार्यकाल 3 वर्ष या 70 वर्ष जो पहले पूर्ण हो जाये।
पुनः नियुक्ति हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रतिवेदन पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
कार्यकाल पूर्ण होने पर किसी भी राज्य या केंद्र सरकार के पद के लिए योग्य नहीं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में सदस्यों की संख्या कितनी होती है
यह एक बहुसदस्यीय आयोग है। 2019 के पहले इसमें 1 अध्यक्ष तथा 4 पूर्ण कालिक सदस्य तथा 4 पदेन सदस्य होते थे लेकिन 2019 के संसोधन के बाद इसमे 1 अध्यक्ष, 5 पूर्णकालिक सदस्य तथा 7 पदेन सदस्य होते हैं।
इस आयोग का अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश ही होना चाहिए। जबकि पहले सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश होता था।
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