पठार: परिभाषा, विशेषताएँ, प्रकार और उदाहरण

परिचय:

पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थलाकृतियों का निर्माण भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण होता है। इनमें से एक प्रमुख स्थलरूप है पठार। पठारों को उनकी ऊँचाई, संरचना और उपयोग के कारण एक महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषता माना जाता है। यह लेख पठार की परिभाषा, उनकी विशेषताएँ, प्रकार, और विश्व व भारत में मौजूद प्रमुख पठारों के उदाहरणों पर प्रकाश डालेगा।


पठार की परिभाषा

पठार वह स्थलरूप है जो आसपास की भूमि से ऊँचा और समतल क्षेत्र होता है। इसे "टेबललैंड" या "मेसा" भी कहा जाता है।
सरल शब्दों में:
पठार एक ऐसा भू-भाग है जो ऊँचाई में तो पहाड़ों के समान होता है, लेकिन इसकी सतह समतल होती है।

उदाहरण:

  • दक्कन का पठार (भारत)
  • तिब्बत का पठार (चीन)

पठार की विशेषताएँ

पठार की पहचान निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर की जाती है:

  1. समतल या लगभग समतल ऊँचाई:
    पठारों की सतह समतल होती है, हालांकि कहीं-कहीं हल्की ढलान हो सकती है।

  2. ऊँचाई:
    यह आसपास के मैदानों से ऊँचा होता है, लेकिन पर्वतों से कम ऊँचाई पर स्थित होता है।

  3. आकार और विस्तार:
    पठार का आकार छोटा या बहुत बड़ा हो सकता है। कुछ पठार सैकड़ों वर्ग किलोमीटर तक फैले होते हैं।

  4. खनिज संपदा:
    पठारों में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जैसे कोयला, लोहा, और बॉक्साइट।

  5. जैव विविधता:
    पठारों पर घास के मैदान, झाड़ियाँ और वनस्पति पाई जाती हैं, जो जैव विविधता को बढ़ावा देती हैं।

  6. नदियों की उत्पत्ति:
    पठारों से कई नदियाँ निकलती हैं, जो सिंचाई और जलापूर्ति का स्रोत बनती हैं।


पठार के प्रकार

पठारों को उनकी उत्पत्ति और संरचना के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. आधुनिक पठार (Tectonic Plateaus):

ये पठार भूगर्भीय प्लेटों के टकराव या उत्थान के कारण बनते हैं।
उदाहरण:

  • तिब्बत का पठार (दुनिया का सबसे ऊँचा पठार)।

2. आग्नेय पठार (Volcanic Plateaus):

ज्वालामुखी गतिविधियों के परिणामस्वरूप लावा जमने से बने पठार।
उदाहरण:

  • डेक्कन का पठार (भारत)।

3. क्षरणात्मक पठार (Erosional Plateaus):

क्षरण की प्रक्रिया (पानी, हवा और बर्फ) से बने पठार।
उदाहरण:

  • कोलोराडो पठार (अमेरिका)।

4. उत्थान पठार (Uplifted Plateaus):

जब भूमि ऊपर उठती है और समतल रहती है।
उदाहरण:

  • अपलाचियन पठार (अमेरिका)।

विश्व के प्रमुख पठार

  1. तिब्बत का पठार:

    • दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा पठार।
    • इसे "दुनिया की छत" भी कहा जाता है।
    • औसत ऊँचाई: 4,500 मीटर।
  2. डेक्कन का पठार (भारत):

    • यह भारत का प्रमुख पठार है।
    • खनिज संपदा और कृषि के लिए प्रसिद्ध।
    • सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ।
  3. कोलोराडो पठार (अमेरिका):

    • ग्रांड कैन्यन के लिए प्रसिद्ध।
    • यह क्षरण प्रक्रिया के कारण बना पठार है।
  4. पश्चिम अफ्रीका का पठार:

    • सहारा मरुस्थल के पास स्थित।
    • खनिज और कच्चे माल के लिए प्रसिद्ध।
  5. पैरिस बेसिन पठार (यूरोप):

    • फ्रांस में स्थित यह पठार कृषि और वाइन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

भारत के प्रमुख पठार

भारत में कई पठार हैं जो आर्थिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

1. दक्कन का पठार:

  • स्थान: भारत का दक्षिणी भाग।
  • विशेषता: इसमें काले मिट्टी के मैदान हैं, जो कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं।

2. छोटानागपुर पठार:

  • स्थान: झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल।
  • विशेषता: यह खनिज संसाधनों का खजाना है, जिसमें कोयला, लोहा और तांबा प्रमुख हैं।

3. मालवा का पठार:

  • स्थान: मध्य प्रदेश और राजस्थान।
  • विशेषता: यहाँ गेहूँ और सोयाबीन की खेती प्रमुख है।

4. मेघालय का पठार:

  • स्थान: पूर्वोत्तर भारत।
  • विशेषता: यहाँ उच्च वर्षा और प्राकृतिक सौंदर्य पाया जाता है।

पठार का महत्व

पठार न केवल भौगोलिक दृष्टि से, बल्कि मानव जीवन में भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:

  1. खनिज संसाधन:
    खनिजों के खनन के लिए पठारों का अत्यधिक महत्व है।

  2. कृषि:
    पठारों की मिट्टी उपजाऊ होती है, जो कृषि के लिए उपयुक्त होती है।

  3. जल संसाधन:
    पठारों से कई नदियाँ निकलती हैं, जो सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन में सहायक हैं।

  4. पर्यटन:
    पठारों की सुंदरता और जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है।

  5. भौगोलिक अध्ययन:
    पठार भू-आकृतिक विकास और भूगर्भीय प्रक्रियाओं को समझने में मदद करते हैं।


निष्कर्ष

पठार पृथ्वी की भूगर्भीय संरचना का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। ये न केवल भौगोलिक महत्व रखते हैं, बल्कि खनिज संसाधन, कृषि, जल और पर्यटन के माध्यम से मानव जीवन को भी प्रभावित करते हैं। तिब्बत का पठार, डेक्कन का पठार और कोलोराडो पठार जैसे उदाहरण हमें दिखाते हैं कि पठारों का महत्व वैश्विक और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर है।

क्या आपने कभी किसी पठार का दौरा किया है? अपने अनुभव साझा करें!

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